कुर्जी पल्ली में प्रथम पर्मप्रसाद आयोजित

कुर्जी पल्ली में प्रथम पर्मप्रसाद आयोजित

बिहार राज्य में लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद शहरों के धार्मिक स्थल सार्वजनिक रूप से खोल दिए गए हैं।

स्थलों में प्रार्थना सभा का आयोजन भी शुरू हो चुका है।

पटना महाधर्म्प्रांथ में भी सभी पल्ली में पवित्र मिस्सा बलिदान ‘ऑफलाइन मोड’ में शुरू हुआ है।

कुर्जी पल्ली में 96 बच्चों ने 4 दलों में प्रथम पर्मप्रसाद का संस्कार लिए

पटना के ‘प्रेरितों की रानी ईश मंदिर’ गिरजाघर में दिनांक 28 और 29 अगस्त तथा 4 और 5 सितंबर को बच्चों को प्रथम परमप्रसाद संस्कार दिया गया। कोरोना से बचने के लिए बच्चों को 4 दलों में विभाजित किया गया था। 

गिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर पीयूष प्रशांत माइकल ने कुल 96 बच्चों को प्रथम परमप्रसाद दिया। पल्ली पुरोहित ने संस्कार देने की प्रक्रिया का वर्णन करते हुए कहा,“ लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद कुछ बच्चों के माता पिता ऐसे समय में संस्कार दिलवाने को राज़ी नहीं थे। कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए बच्चों को छोटे छोटे समूह में रखकर प्रशिक्षण दिया गया तथा 4 दिनों में 96 बच्चों को प्रथम परमप्रसाद दिया गया, जिसमे 47 लड़कियां और 49 लड़के शामिल थे।”

गिरजाघर में कोरोना के खतरे से बचने के लिए हर जगह सैनिटाइजर, प्रवेश द्वार पर तापमान जांच तथा मास्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। भीड़ कम करने के लिए मिस्सा के समय में भी बदलाव किए गए हैं। दैनिक मिस्सा के साथ–साथ रविवार का मिस्सा 3 अलग–अलग समय पर निर्धारित किया गया है। मिस्सा में छेत्रवार लोगों को आने की अनुमति है ताकि अधिक भीड़ से बचा जा सके। 

आगामी प्रार्थना सभा के आयोजन पर उन्होंने कहा, “भक्तों के लिए ऑनलाइन प्रार्थना सभा की जाती है, ताकि हर लोग प्रार्थना में शामिल हो सके।”

8 सितंबर को संध्या 4:00 बजे मां मरियम का महापर्व धूम धाम से मनाया गया।

पल्ली ने इस वर्ष बहुत से लोगों को खोया है। लोगों को पूरी कलीसिया तथा विश्व के लिए प्रार्थना करने की ज़रूरत है।

[Reported by Seema Kisku]