राज्य के सभी जिला निबंधन कार्यालओं में ई -स्टांप की सुविधा एक महीने में मिलने लगेगी। पटना , मुज़्ज़फरपुर , भागलपुर सहित राज्य के आधा दर्ज़न ज़िलों में ये व्यस्था शुरू हो गई है। पटना हाई कोर्ट में यह व्यबस्था इसी हफ्ते शुरू हो जाएगी। लेकिन राज्य के सभी 124 अन्य निबंधन कार्यालओं में ये सुविधा प्रदान करने में अभी छह महीने और लगेंगे।
राज्य कैबिनेट ने पिछले साल ही सभी निबंधन कार्यालओं में ई -स्टांप की सुविधा बहाल करने का फैसला लिया था। उसी समय इस फैसले पर कैबिनेट की मोहर भी लग गई , लेकिन फैसले को हकीकत में बदलते हुए करीब साल भर लग गए। अब भी सभी निबंधन कार्यालओं में इस व्यस्था के लिए छह माह और इंतज़ार करना पड़ेगा। नई व्यबस्था के लागु होने के बाद दस्तावेजों की रजिस्ट्री करने वाले को अब बैंकों के चक्कर नहीं काटने होंगे। कोर्ट में भी स्टांप शुल्क वही जमा हो जायेगा। राज्य के कई पिछड़े इलाकों में रजिस्ट्री कार्यालय से बैंकों की दूरी काफी ज्यादा है। ऐसे में लोगों को काफी ज्यादा परेशानी होती है। लिहाजा रजिस्ट्री के एक दिन पहले ही पैसा जमा करना होता है। उसके लिए भी बैंकों में लम्बी कतार होती है। नई व्यबस्था बहाल होने के बाद ये उम्मीद की जा सकती है क़ि लोगों को परेशानी का सामना ना करना परे।
क्या है फायदे – नई व्यबस्था से सरकार को भी राजस्व की बचत होगी। स्टांप शुल्क जमा लेने का जिम्मा वित्य मंत्रालय के आधीन एजेंसी स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड को दिया गया है। कारपोरेशन के कर्मी निबंधन कार्यालओं के साथ कोर्ट में भी बैठेंगे और वही पर स्टांप शुल्क का पैसा जमा हो जायेगा। यह एजेंसी सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी का काम करेगी और ई -कलेक्शन सिस्टम से विभिन्न प्रकार की शुल्क राशि प्राप्त कर सरकार के ख़ज़ाने में जमा करेगी।