क्या भस्मासुर की कहानी की राजनीति में पुनरावृति हो रही है?

क्या भस्मासुर की कहानी की राजनीति में पुनरावृति हो रही है?

वर्ष 2013 में जब केंद्र में संप्रग सरकार थी और उस समय कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी जी थे। उस समय लालू प्रसाद यादव, जयललिता सहित तमाम सैकड़ों राजनीतिक लोगों को किसी न किसी मामले में न्यायालय द्वारा सजा मिलने पर संसद या विधानसभा की सदस्यता गवानी पड़ी थी। उस समय तत्कालीन कांग्रेस द्वारा ऐसे […]

रिटायर जज का राज्यपाल बन जाना!

रिटायर जज का राज्यपाल बन जाना!

पर न्यायपालिका की गरिमा की चिंता किसे है!! सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस एस अब्दुल नजीर को (गत 12 फरवरी को) आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे गत चार जनवरी को ही रिटायर हुए हैं। नियमतः और संविधानतः इसमें कुछ गलत नहीं है। मगर यह कुछ अटपटा तो लगता है। वैसे […]

मेरा नाम होशियारचंद है

मेरा नाम होशियारचंद है

मेरे पास ये 100 चिप हैं। नियम के अनुसार मैं 75 से ज्यादा चिप नहीं रख सकता, तो मैंने 73 रखे हुए हैं।●●27 बाजार में बिक रहे हैं। बाजार चलता है, डिमांड सप्लाई पर। मुझे सप्लाई कंट्रोल करनी है। मेरे मामा, काका, ताऊ सबने आम आदमी बन कर मेरे लिए 15 चिप खरीद कर छुपा […]

क्या युवा पीढ़ी का दिमाग वास्तव में बिल्कुल शुन्य हो गया है?

क्या युवा पीढ़ी का दिमाग वास्तव में बिल्कुल शुन्य हो गया है?

यही है,भारत का दुर्भाग्य। एक सिनेमा के लिए इतनी मारामारी, इतना हंगामा। लेकिन रसातल में जा रहे भारत को जुल्मी तानाशाह से बचाने, बेकारी महंगाई, सरकारी लूट घपला घोटालों, ईवीएम की हेराफेरी, जनादेश की लूट को रोकने के लिए ऐसी भीड़ कभी सड़कों पर नहीं आती है। जुल्मी लुटेरों के खिलाफ ऐसी कोई बगावत, कोई […]

ये डॉक्यूमेंट्री डॉक्यूमेंट्री का शोर क्यों है भाई!

ये डॉक्यूमेंट्री डॉक्यूमेंट्री का शोर क्यों है भाई!

सरकार हलकान, पर चाटुकारों की कमी नहीं गालिब! आखिर उस या ऐसी किसी डाक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों के बारे में ऐसा नया क्या कहा बताया जा सकता है, जो खबरों में थोड़ी बहुत भी रुचि रखने वाला नहीं जानता! उन दंगों में गुजरात (मोदी) सरकार, संघ परिवार की भूमिका के बारे में ही कोई क्या […]

जजों की नियुक्ति पर चिंतन

जजों की नियुक्ति पर चिंतन

जजों की नियुक्ति की चालू व्यवस्था द्वारा सुझाए गए नामों में नापसंद नाम को सरकार स्वीकृति देने में विलंब कर सकती है। एक साल पहले एक अधिवक्ता ( मुस्लिम) के नाम की स्वीकृति में साल भर लग गया। एक बार इंदिरा जी ने महाराष्ट्र के एक सज्जन का नाम जजों की सूची से इसलिए हटाया […]

जनगणना का कमाल, जब ‘आर्य सिद्धांत’ ढीला पड़ा

जनगणना का कमाल, जब ‘आर्य सिद्धांत’ ढीला पड़ा

अंगरेजी राज में जब पहली बार जब जनगणना शुरू हुई, तो ऐसे कई समुदाय मिले जो स्वयं को हिंदू मुस्लिम दोनों बताते थे। इसलिए कि वे इन दोनों परंपराओं में गुंथ चुके थे।जैसे, गुजरात के momna, जो खतना करवाते, अपने मृत परिजनों को दफनाते, गुजराती कुरान पढ़ते परंतु बाकी सभी रीति रिवाज में हिंदू थे। […]

सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा पर जबरन धर्मांतरण का आराेप कितना सही?

सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा पर जबरन धर्मांतरण का आराेप कितना सही?

‘प्रभात खबर’ अखबार में इस मामले पर कुछ प्रकाश डाला गया है इस मामले काे अनेक नजरिये से देखा जा सकता है: १-आदिवासी नज़रिए:इस कहानी मे चार पात्र है (क) विधायक भूषण बाड़ा,ईसाई आदिवासी,(ख) अनूप भारती,गैर आदिवासी,हिन्दू धर्मावलंबी,(ग) साेनी मिंज,ईसाई आदिवासी,काेरट मैंरेज अनूप संग पर तलाक़शुदा,(घ)रश्मि एक्का,ईसाई आदिवासी और अनूप की राखी बहन । विधायक […]

बिलकिस बानो कांड पर चुप्पी तोड़ो – लोकतांत्रिक जन पहल

बिलकिस बानो कांड पर चुप्पी तोड़ो – लोकतांत्रिक जन पहल

बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार एवं साम्प्रदायिक जनसंहार कांड के अपराधियों की सजा माफी एवं रिहाई के फैसले को रद्द करो! इस मांग के साथ गुरुवार को यहां लोकतांत्रिक जन पहल के तत्वावधान में, पटना स्थित गांधी संग्रहालय में , एक प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया, जिसमें डेढ़ सौ से ज्यादा लोग शामिल हुए । […]

हेमंत सरकार की जय क्यों?

हेमंत सरकार की जय क्यों?

फादर सिप्रियन कुल्लू गुमला से लिखते हैं : हेमंत सरकार की जय !! हेमंत सरकार की जय क्याें बाेलना चाहिए,उसने काैन सा कमाल किया है? आइये हेमंत की कुछ उपलब्धियाें की चर्चा करें:१-आज [5 सितंबर ]उसने अपनी सरकार काे शानदार बहुमत दिलाया ।२-मुख्यमंत्री बनने के कुछ घंटे बाद ही उन्होंने पत्थलगाडी मामला मे खुंटी तरफ […]

धार्मिक स्वतंत्रता?

धार्मिक स्वतंत्रता?

अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार की किताबों में (Articles 9,18) तथा भारत के संविधान की किताबों में (Articles 25,26,27,28,) किती भी व्यक्ति को अपने पसंद के किसी भी धर्म को अपनाने और उसे प्रसार- प्रचार करने का अधिकार दिया गया है । परंतु समय समय पर इन धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों पर हस्तक्षेप की घटनायें देखने-सुनने को […]

जागरूकता, मरीजों की पहचान और ससमय उपचार से मानसिक रोग से मुक्ति संभव

जागरूकता, मरीजों की पहचान और ससमय उपचार से मानसिक रोग से मुक्ति संभव

“बच्चों के बीच जागरूकता, मरीजों की पहचान और ससमय उपचार से मानसिक रोगों पर लगाम लगाकर उससे मुक्ति संभव है. मानसिक स्वास्थ्य वर्क फ़ोर्स का गठन कर समुदाय में जागरूकता की अलख जगाई जा सकती है ”, उक्त बातें डॉ. राजेश कुमार, विभागाध्यक्ष, मानसिक स्वास्थ्य विभाग, इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान ने वेबिनार में मानसिक स्वास्थ्य […]

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