अरविंद गुप्ता विज्ञान में एक भारतीय खिलौना आविष्कारक और विशेषज्ञ हैं।गुप्ता ने 2000 से अधिक स्कूलों में कार्यशालाएं आयोजित की हैं और कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।उनकी लोकप्रिय टेड टॉक: सीखने के लिए खिलौनों में टर्निंग ट्रैश अपने काम और दर्शन में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।वह जल्द ही पटना में एक प्रेरणादायक व्याख्यान दे रहे हैं।
तक्षशिला एडुकेशन सोसाइटी के तरफ से 7 अक्टूबर, 2018 को सुबह 11 बजे से पटना के अधिवेशन भवन मे तक्षशिला शिक्षा व्याख्यानमला के जरिये शिक्षा के विभिन्न पहलुओ पर विमर्श करने हेतु इस व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा।
पद्माश्री से समानित श्री अरविंद गुप्ता, जाने-माने-विज्ञानी, शिक्षाविद, लेखक और पुस्तक अनुरागी “बच्चे कैसे सीखते है” इस विषय पर अपने विचार साझा करेंगे। श्री अरविंद कुमार गुप्ता, जन विज्ञान विशेषज्ञ, अन्वेषक, लेखक, अनुवादक, शिक्षाविद और पुस्तक प्रेमी है। कबाड़ से जुगाड़ कर खिलौने बनाने में महारत हासिल है। देश के हर बच्चे तक उसकी भाषा में उम्दा किताबें पहुँचाना श्री गुप्ता का सपना रहा हैं। 2018 के गणतन्त्र दिवस पर भारत सरकार के द्वारा उन्हें पद्मश्री से समानित किया गया।
अरविंद गुप्ता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के पूर्वछात्र हैं और गांधीवादी विचारधारा के व्यक्ति हैं। विज्ञान, साहित्य, एवं शिक्षा की बेहतरी में वे जुटे रहे हैं। उन्होने “ मैचस्टिक मॉडेल्स एंड अदर साइन्स एक्सपेरीमेंट्स” नामन गतिविधियों को एक अनूठी किताबी लिखी। बच्चो के लिए 1980 में दूरदर्शन पर उनके द्वारा प्रस्तुत धारावाहिक ‘तरंग’ बहुत चर्चित रहा।
विज्ञान तथा शिक्षण जगत में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हे कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरुषकार जैसे मैरी मक्कर्डी अवार्ड 2001, इन्दिरा गांधी 2008, थर्ड वर्ल्ड अकादेमी ऑफ साइन्स रीजनल प्राइज़ 2010 एवं पद्मश्री समान 2018 से समानित किया गया है।
सौरव सोनी