‘जो चैनल देखिए सिर्फ उसका ही पैसा दीजिए।’ इसी स्लोगन के साथ TRAI ने सभी मल्टी सर्विस ऑपरेटर्स के साथ लोकल केबल ऑपरेटर्स को भी नया टैरिफ सिस्टम लागू करने का आदेश दिया है। TRAI के इस नए नियम से उम्मीद की जा रही थी कि लोग अब सस्ते में अपना मनपसंद टीवी कार्यक्रम देख सकेंगे, लेकिन अब कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिल रहा।
दरअसल, अपने पंसदीदा चैनल को चुनना अब उपभोक्तओं के लिए काफी महंगा पड़ रहा है, क्योंकि TRAI द्वारा जारी किए गए नए नियमों के पूरी तरह से लागू होने से पहले ही केबल ऑपरेटर्स ने कई पेड चैनलों को बंद कर दिया है, जिससे उपभोक्ता अपने कई पंसदीदा चैनल नहीं देख पा रहे है और उनकी परेशानी बढ़ गई है। कुछ ऑपरेटर्स ने तो पैक के अंदर पैक बना दिए हैं, जिससे पहले की तुलना में पसंदीदा टीवी चैनलों को देखना दोगुना महंगा हो गया है।
ट्राई की ओर से नए नियमों का बहाना बनाकर केबल ऑपरेटरों ने अभी से अधिकतर चैनलों को बंद कर दिया है। जबकि 31 मार्च के बाद ट्राई का नियम लागू हो रहा है। इस नाई नियमवाली मे सबसे बड़ी उलझन 100 फ्री चैनलों को लेकर है, जिसे लेना अनिवार्य बना दिया गया है। इसके लिए 153 रुपये चुकाने ही हैं। ऐसे में यदि कोई उपभोक्ता इससे अधिक चैनल देखेगे तो उसे हर 25 चैनल का पैक लेकर 18 प्रतिशत जीएसटी देकर 20 रुपये पैक में अतिरिक्त देना होगा। यानि पसंदीदा इंटरटेनमेंट चैनलों को चुनने पर पूरा किराया 500 रुपये से अधिक पहुंच जाता है।
पिछले वर्ष 28 दिसंबर से लागू हुई नई व्यवस्था में 31 मार्च तक उपभोक्ताओं को अपना पे चैनल चुनना है। ऐसे में पसंदीदा चैनल चुनने की खुशी लेकर केबल ऑपरेटरों के पास पहुंच रहे उपभोक्ताओं की खुशी महंगे महीना पैकेज सुनकर गुम हो रही है। उन्हे सीधे पैकेज थमाया जा रहा है, जो 300 रुपये से लेकर 520 रुपये है, वहीं 130 रुपये में 100 फ्री चैनलों के दावे भी धराशायी हैं। फ्री 100 चैनलों का तय पैकेज है, जिसमें दूसरी भाषा व कई अनचाहे चैनल हैं। ऐसे में अब तक 250 रुपये से लेकर 300 रुपये तक महीने का किराये पर केबल से सभी चैनलों का लुत्फ उठा रहे उपभोक्ता ट्राई की इस कदम से नाखुश दिखाई पड़ रही है।
साथ ही साथ कई जगह पर चैनल चुनने की झंझट से बचने के नाम पर केबल आपरेटर 300 रुपये से लेकर 550 रुपये तक में कई पैकेजों की पेशकश भी कर रहे हैं। हालात यह कि 500 रुपये से अधिक वाले किराया पैकेजों में ही पसंदीदा चैनल हैं। मजबूरी यह कि पैकेज न चुनने की स्थिति में टीवी पर कई चैनल तो दिख ही नहीं रहे हैं। कई लोगों ने तो इस पूरी झंझट के कारण टीवी रीचार्ज करना ही बंद कर दिया है।
स्थानीय खबरों के अनुसार ऑल लोकल केबल ऑपरेटर्स एसोसिएशन के महासचिव नरेंद्र बांगड़ी के मुताबिक, यह मनमानी मल्टी सिस्टम ऑपरेटर (एमएसओ) और ब्रांडकास्टर के स्तर पर ही है। यह ट्राई के दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन कर रहे है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसमें उपभोक्ताओं को खुद चैनल चुनने की आजादी देने की बात कहीं गई थी, लेकिन ब्रॉडकास्टर और एमएसओ मनमाने पैकेजों की पेशकश कर रहे हैं। यह स्थानीय केबल ऑपरेटरों के लिए भी घाटे का सौदा है। पहले प्रति कनेक्शन में 100 रुपये का फायदा होता था, अब महज 20 रुपये बच रहे हैं। ऐसे में कई ऑपरेटर अपना धंधा बंद करने लगे हैं।
पाटलीपुत्रा की रहनेवाली रेखा जी कहती है की जब मनपसंद चैनल चुनने के अधिकार की बात उठी तो लग रहा था कि यह वर्तमान दर के मुकाबले काफी सस्ता पड़ेगा लेकिन इससे बिलकुल उल्टा हो गया। केबल का किराया दोगुना हो गया है और मनपसंद चैनल भी नही मिल रहे। पहले 300 रुपये मे सारे पसंदीदा चैनल देख लेते थे, लेकिन अब इसके लिए 500 रुपये भी कम पड़ रहे है।
नियमावली के अनुसार सभी केबल और डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा गया है कि वे उपभोक्ताओं को वेबसाइट के जरिए चैनल चुनने और ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराएं। वेबसाइट पर चैनलों की लिस्ट कीमत के साथ उपलब्ध होगी। इसके अलावा कॉल सेंटर के जरिए भी उपभोक्ता चैनल चुन पाएंगे। ऐसा हो तो रहा है, लेकिन महंगाई के साथ।