पटना के अनीसाबाद – खगौल का रास्ता मौत का चौराहा बन चुका है । पूरे पटना में अकेले अनीसाबाद के इलाके में हर महीने लगभग 12 मौतें होती हैं। ट्रक और ट्रैक्टर जैसे चारपहिया वाहनों की लापरवाही से आम लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है ।
2017 तक तो यहाँ एक भी पुलिस अफसर दिखाई नहीं देते थे। मगर बढ़ती मौत के आंकडों ने यहाँ पुलिस की जीप को गस्त लगाने पे मजबूर कर दिया है, फिर भी इन मामलों में कोई खास कमी नहीं आई है। पिछले साल 2018 में पुलिस कॉलोनी के एक वृद्ध दंपति को एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी। इस साल जून के महीने में टम-टम पराव के पास दो घटनाएँ हुई। कार से जा रहे तीन लोगों के परिवार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिसमे बच्चे की मौत हो गयी और माता-पिता को घायल अवस्था में आस-पास के लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। दूसरा, सड़क पार कर रहे एक व्यक्ति को ट्रक ने रौंद दिया । ऐसी ही कई घटनाएँ होती रहती हैं मगर सबका उल्लेख कर पाना मुमकिन नहीं।
अनीसाबाद के साकेत विहार कॉलोनी में बुटीक चलाने वाली दिव्या कहतीं हैं , “जब भी कोई घटना होती है तो कुछ दिन पुलिस दिखाई देती है मगर उसके बाद उनका कोई आता-पता नहीं रहता”।
वही पुलिस कॉलोनी के निवासी धनंजय पांडे का कहना है , “ट्रक चालक की लापरवाही से ये मौतें होती हैं। कई बार तो ऐसा होता है की लाश तक पहचान में नहीं आती। अब इस इलाके में ट्रेफिक लाइट्स भी लग गयी है लेकिन सब बेकार है” । अनीसाबाद, खगौल और फुलवारी में रहने वाले लोगों का कहना है की रोज एनएच 98 पे कई भारी वाहन जाते हैं इसमें लोगों की सुरक्षा चिंताजनक है।
सुबह 5 बजे यहाँ जाम शुरू होता है जो की अनीसाबाद मोड़ से भगत सिंह चौक तक रहता है। इसके बीच में यहाँ दो बड़े अस्पताल हैं महावीर कैंसर संस्थान और इमारत शरीया। वैसे तो अनीसाबाद मोड़ से यहाँ पहुंचने में 10 से 15 मिनट लगने चाहिए मगर जाम की वजह से आधे से एक घंटे का समय लग जाता है । इन अस्पतालों के कैंसर एवं अन्य मरीजों का कहना है की अगर कभी आपातकाल के समय में यहाँ पहुँचना पड़े तो सब भगवान भरोसे होगा ।
तान्या त्रिवेदी