पटना, 25 जुलाई को बिहार के शिक्षा मंत्री माननिए कृष्ण नन्दन वर्मा ने बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड से संबन्धित एक बिल पारित किया जिसका कहना है की सरकार में सचिव स्तर पर सेवारत या इस स्तर पर सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले आईएएस अधिकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होंगे जबकि आईएएस अधिकारी या केंद्र सरकार के ग्रुप ए अधिकारी की सेवा करने वाले बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने के पात्र होंगे।
कुछ स्थानीय समाचारों के अनुसार राजद के वरिष्ठ सदस्य अब्दुल बारी सिद्दीकी का कहना है की सरकार को शिक्षाविदों पर कोई विश्वास नही है, उन्होने इस तथ्य की भी याद दिलाई की महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर ने भी आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मजबूत आरक्षण दिया था इसलिए सरकार को प्रस्ताव पर दुबारा विचार करना चाहिए और बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में शिक्षाविदों की नियुक्ति का प्रावधान करना चाहिए।
डी.पी.एस की शिक्षिका अल्का सिंह जो की भौतिक विज्ञान की शिक्षिका है उनका कहना है की आईएएस अधिकारी में दोनों ही क्षमता है वह प्रशासनिक और शिक्षा दोनों ही विभाग में सुधार ला सकते हैं।
वही हार्टमन गर्ल्स हाई स्कूल के शिक्षक प्रमोद दयाल का कहना है की यह बिलकुल गलत हुआ है शिक्षाविद को ही अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करना चाहिए क्योंकि उन्हे अच्छे से जानकारी है की शिक्षा संबन्धित क्या और कैसे सुधार ला सकते हैं।
अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा की आईएएस अधिकारी का बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में चुनाव होने के बाद बिहार की शिक्षा स्तर में क्या बदलाव आते हैं।
आस्था कश्यप
Dps nhi mps h school name. Edit school name.