किराये के कमरों में चल रहा है, बिहार का 69 वर्ष पुराना स्कूल

किराये के कमरों में चल रहा है, बिहार का 69 वर्ष पुराना स्कूल

बिहार में अभी शिक्षा के क्या हालत हैं ये जग जाहिर है। आजादी के 72 वर्ष बाद भी आज बिहार की शिक्षा वयवस्था में बहुत बड़े बदलाव देखने को नहीं मिले हैं। अभी भी बिहार के कई गाँव ऐसे है जिन्हें अब तक 1 ढंग का स्कूल तक नसीब नहीं हुआ है। किसी-किसी गांव में स्कूल तो है पर वहाँ अच्छे शिक्षकों की भारी कमी है। बिहार सरकार अभी भी शिक्षा के क्षेत्र में कोई क्रांतिकारी कदम उठाते नहीं दिख रही है।

बिहार सरकार का रवैया शिक्षा के प्रति कितना उदासीन है ये इस बात से पता चलता है की आज से 69 साल पहले स्थापित किया गया एक स्कूल, अभी एक किराये के मकान में चल रहा हैI इस विधालय का नाम मॉडर्न माध्यमिक विधालय है, मालूम हो की ये एक ऐतिहासिक विधालय है। ये विधालय अपने स्थापना के वर्ष के वक्त बिहार का इकलौता शाम के शिफ्ट में चलने वाला स्कूल था। एक रिपोर्ट के अनुसार अभी भी ये स्कूल शाम के शिफ्ट में चलने वाला इकलौता स्कूल है। मालूम हो की अभी ये विधालय एक अन्य विधालय के कैंपस में चल रहा है।

अपने स्थापना के वर्ष इस विधालय में वर्ग 6 से वर्ग 10 तक पढाई होती थी पर अभी इस विधालय में केवल नवीं और दसवीं की ही पढाई होती है। इस स्कूल में अभी केवल 40 बच्चे पढ़ते हैं। ये बात इस स्कूल की खस्ता हालात को बताने के लिए काफी है। गौरतलब है की इस विधालय की स्थापना इस लिए की गयी थी की जो छात्र और छात्राएं दिन में किसी कारण विधालय में नहीं आ पाते उनके लिए एक शाम के शिफ्ट के शुरुवात की गयी थी। इतना पुराना विधालय होने के बावजूद अभी तक इसके पास खुद का अपना भवन नहीं है।

SEE ALSO  A New Dawn for Salesians: Fr. Fabio Attard Takes Helm as Rector Major

सरकार को ऐसे विधालयों को बढ़ावा देना चाहिए जो कुछ अलग कर रहें हैं पर ऐसा लगता है बिहार सरकार अपने उद्देश्य से कहीं न कहीं भटक गयी है। सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में और तेज़ी से काम करना चाहिए तभी जाके बिहार में शिक्षा की स्थिति में कुछ सुधार आ सकता है। नहीं तो अभी के हालात देखके ऐसा लगता तो नहीं है की कुछ बदलने वाला है, पर भविष्य में कुछ बदले हम इसकी उम्मीद तो कर ही सकते हैं।

रोहित कुमार