आज 20 अगस्त, मंगलवार को सदभावना दिवस (राजीव गांधी की 75 वीं जयंती) पूरे भारत में मनाया जा रहा है। सदभावना (दूसरों के लिए अच्छी भावना रखना ) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती या सद्भाव दिवस मनाने के लिए मनाया जाता है। दूसरों के लिए अच्छी भावना रखना ही राजीव गांधी की सरकार का मिशन था। यह हर साल 20 अगस्त को कांग्रेस द्वारा सभी धर्मों के लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता, शांति, राष्ट्रीय अखंडता, प्रेम, स्नेह और सांप्रदायिक सौहार्द को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।
आज के समय में लोगों के लिए अच्छा काम करके लोगों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखना बहुत मुश्किल हो गया है। लोग उन लोगों से बहुत अधिक मदद पाने के लिए अनिच्छुक होते हैं, जो अपने फायदे के लोगों की मदद करने को तैयार होते हैं। अभी के वक़्त में बहुत से लोगों को अपने स्वयं के लाभ, विचार एवं दिखावे से सिर्फ मतलब हो गया है।
भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखने वाले राजीव गांधी की याद में यह हर साल सद्भावना दिवस मनाया जाता है। भाषण के दौरान देश के विकास के लिए उनके उत्साही और प्रेरक शब्द आज भी उनकी जयंती पर याद किए जाते हैं। उनके उद्धरण बहुत प्रेरणादायक हैं जो देश के युवाओं को भारत का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करते हैं।
“भारत एक पुराना देश है, लेकिन एक युवा राष्ट्र है; और हर जगह युवा की तरह, हम अधीर हैं। मैं युवा हूं और मेरा भी सपना है। मैं एक ऐसे भारत का सपना देखता हूं, जो मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर हो और मानव जाति की सेवा में दुनिया के देशों की अग्रिम पंक्ति में सबसे आगे हो। ”
सद्भावना दिवस लोगों को सम्मान देने के लिए किया जाता है जिन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों के विकास और कल्याण के लिए दिया। सदभावना दिवस लोगों को उन लोगों को सम्मान देने के लिए प्रोत्साहित करता है जिन्होंने उन्हें भविष्य में आगे आने के लिए प्रेरित किया।
इस दिन, देश के विभिन्न राज्यों में, स्कूलों मे, कॉलेज में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित कर के मनाया जाता है, बच्चों को प्रतिज्ञा करवाई जाती है । लोग इस दिन को हरियाली के संरक्षण, प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करने, पेड़ लगाने, पर्यावरण की रक्षा करने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करके मनाते हैं। लोगों को आवश्यक पर्यावरण विषयों के बारे में जागरूक करने के लिए, यह दिन बहुत खुशी से मनाया जाता है। ताकि भारत देश मजबूत हो सके और सभी गतिविधियों को बेहतर तरीके से संभाल सके।
हम सभी भारतीयों का ख़ास कर युवायों का यह कर्तव्य हैं कि हमें सद्भावना का सही अर्थ समझना चाहिए और राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाना चाहिए। देश को मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर बनाने में योग्यदान देना चाहिए। तभी असल मायने मे हम सद्भावना दिवस मनाने का मकसद पूरा कर पाएंगे।
नेहा निधि