महोदय
स्वच्छ भारत मिशन को लेकर बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने इस सप्ताह श्री मोदी की प्रशंसा की और सम्मानित भी किया उनका मानना है की भारत दुनिया भर के अन्य देशों के लिए एक मॉडल बन गया है।
कई हद तक यह बात सच भी है शौचालय का निर्माण तेजी से बढ़ा है पर वही पानी की कमी, खराब रखरखाव और व्यवहार में धीमा बदलाव खुले में शौच को समाप्त करने के रास्ते में खड़ा है।
वही हालया खबरों के अनुसार, मध्यप्रदेश के शिवपुरी ज़िले में खुले में शौच कर रहे दो दलित बच्चों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। पुलिस ने इस सिलसिले में दो लोगों गिरफ्तार भी किया है। 12 साल की रोशनी और 10 साल के अविनाश पर गांव की सड़क के आखपास शौच करते हुए हमला किया गया। दोनों नाबालिग बुआ और भातीजा थे।
अविनाश के पिता मनोज ने बताया कि दिहाड़ी मजदूर के रूप में, वह अपने घर पर शौचालय का निर्माण नहीं कर सकते।
उन्होने यह भी कहना है कि उनके घर पर शौचालय बनने के लिये पंचायत के पास पैसा भी आ गया था लेकिन ” इन लोगों ने उसे बनने नहीं दिया”। उनका यह भी दावा है कि इन लोगों की वजह से गांव में उनके परिवार के साथ बदसलूकी की जाती है।
मनोज के पास कोई ज़मीन नही है और उनका पूरा परिवार मज़दूरी करके ही गुज़र-बसर करता है।
शिवपुरी के एसपी राजेश चंदेल ने बताया, “दोनों बच्चों को लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला गया।” “हमने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।” बुधवार की सुबह हमले के कुछ ही घंटों के भीतर, पुलिस ने दो उच्च जाति के लोगों – रामेश्वर यादव और हाकिम यादव को गिरफ्तार कर लिया।
स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत कार्यक्रम देश भर में शौचालय के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और स्वच्छता में सुधार करके खुले में शौच को समाप्त करने का प्रयास करता है। जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कार्यक्रम शुरू किया, तो उन्होंने 2 अक्टूबर 2019 तक भारत को “खुले में शौच मुक्त” बनाने की कसम खाई थी। अब 2 अक्टूबर ज्यादा दूर नही, पर क्या प्रधान मनकी वाकई अपनी कसम पूरी कर पाएंगे?
सीमा कुमारी