आजकल मासूम दिखनेवाले वाले नाबालिग, अपराध के मामले में बड़ों-बड़ों के उस्ताद साबित हो रहे हैं। नाबालिग बदमाशों को लेकर बिहार पुलिस की पड़ताल चौंकानेवाली है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे कोई अपराध नहीं जिसमें नाबालिग की भूमिका न हो। अब सीआईडी के आदेश पर इनके उम्र को लेकर छानबीन शुरू कर दी गई है। ताकि यह पता चल सके कि वाकई ये नाबालिग हैं या फिर बालिग।
पर्यवेक्षण गृह से बाहर आते ही बैंक लूट
लिया
इस साल
शिवहर में हुए बैंक लूट मे नाबालिगों की भूमिका सामने आई है। हैरत की बात है कि पहले से
अपराध में शामिल होने के चलते चार नाबलिग को पर्यवेक्षण गृह में रखा गया था। नियम
के तहत इन्हें बीच-बीच में घरवालों से मिलने के लिए छुट्टी दी जाती है। इस छुट्टी
के दौरान चार नाबालिग ने मिलकर शिवहर में यूको बैंक की एक शाखा लूट ली। 32.33 लाख रुपए की इस लूट में चार
नाबालिग शामिल थे। पुलिस अब इनके उम्र का सत्यापन करने में जुटी है कि नाबालिग हैं
या बालिग।
दानापुर अदालत परिसर में हुई हत्या में
नाबालिग शामिल
दानापुर
अदालत परिसर में 10 अगस्त को बड़ी घटना हुई थी। इसमें एक कैदी को भगाने के लिए सिपाही
प्रभाकर राज की हत्या कर दी गई। जांच में खुलासा हुआ कि कैदी को भगाने के लिए
अदालत में हथियार लेकर पहुंचा शख्स कोई और नही बल्कि 14 साल का नाबालिग था। बाद में इस
नाबालिग बदमाश को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। इसी तरह मसौढ़ी थाना कांड संख्या 473/19,
बिहार
थाना कांड संख्या 38/19 में लूट व डकैती को अंजाम देनेवाले शातिर नाबालिग निकले। एक मामले
में तो डकैती के 15 लाख में 3.93 लाख रुपए आरोपी के घर से बरामद भी हुआ। नालंदा के ही लहेरी थाना
कांड संख्या 62/19 में तीन किशोरों ने लूट के क्रम के गला काटकर एक शख्स की हत्या कर
दी। इसी जिले के चेरो ओपी में वाहन चालक को अगवाकर मार डालनेवाले बदमाश नाबालिग
थे।
मुथूट फाइनेंस लूट में शामिल है नाबालिग
मुथूट
फाइनेंस की मुजफ्फरपुर और वैशाली शाखा में सोना लूट की दो वारदातें हुई हैं। इन
दोनों ही वारदात में वैशाली जिले का रहनेवाला एक नाबालिग शामिल है। मुजफ्फरपुर
वारदात के बाद वह पकड़ में आया था। इसी साल 6 नवम्बर को पर्यवेक्षण गृह से
फरार हुआ और वैशाली में हुई 55 किलो की सोना लूट की दूसरी घटना को अंजाम देने में कामयाब हो
गया।
नाबालिग बताते वाले तीन निकले बालिग
राजगीर
थाना कांड संख्या 346/19 जो कि सामूहिक बलात्कार से जुड़ी है, के सभी छह आरोपी नाबालिग थे। जब
इनकी उम्र के दस्तावेजों की छानबीन हुई तो तीन बालिग निकले। इनके द्वारा कम उम्र
का फर्जी प्रमाण-पत्र बनाया गया था। सीआईडी ने नालंदा पुलिस को इस मामले में अलग
से एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।
पर्यवेक्षण गृह में हत्या भी कर चुके हैं
नाबालिगों
की कारिस्तानी यहीं नहीं थमती। पिछले वर्ष पूर्णिया के हाट थाना इलाके के
पर्यवेक्षण गृह में 5 नाबालिग
ने मिलकर वहां के हाउस फादर और एक बंदी की हत्या कर दी थी। बिहार के दर्जनों ऐसी
घटनाएं हैं जिसमें सीधे तौर पर नाबालिग बदमाशों के नाम आए हैं। अब इनको लेकर
विस्तृत छानबीन शुरू की गई है। सीआईडी ने सभी जिलों से नाबालिग बदमाशों की विस्तृत
रिपोर्ट की मांग की है। कई जिले यह भेज चुके है जबकि कुछ से रिपोर्ट मिलनी बाकी है।
इसके बाद एक-एक केस की छानबीन होगी।