बिहार में शराबबंदी से जुड़े मामलों के तेजी से निपटारे के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को 74 विशेष अदालतों के गठन को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को ब्रीफिंग करते हुए, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अमीर सुभानी ने कहा कि विशेष अदालतों का नेतृत्व अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश-रैंक के अधिकारी करेंगे। पूर्णकालिक विशेष अदालतों का गठन बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा।
इससे पहले, पटना उच्च न्यायालय ने न्याय वितरण प्रणाली को लेकर चिंता व्यक्त की थी। कैबिनेट ने लंबे समय तक अनुपस्थित रहनेवाले राज्य के एक दर्जन से अधिक चिकित्सा अधिकारियों को बर्खास्त करने का भी फैसला किया। बर्खास्त अधिकारीयों मे शेखपुरा के चवारा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ वीरेंद्र कुमार, पीएचसी रूपौली की डॉ सुनैना कुमारी, पूर्णिया सदर अस्पताल के डॉ बृजेश नंदन कुमार, खगड़िया सदर अस्पताल के डॉ प्रभात कुमार, सुपौल में मरौना पीएचसी के डॉ संजय कुमार झा हैं।
पूर्णिया में काजा एपीएचसी की डॉ मुक्ता मनीषी, शेखपुरा में कसार एपीएचसी के डॉ कन्हैया लाल, सहरसा में पतरघट पीएचसी की डॉ विभूति कुमार, बरहिया पीएचसी (महिला) की डॉ मंजुला, सहसौल एपीएचसी के डॉ चंद्र किशोर कुमार है। बेगूसराय की डॉ अन्नू सिन्हा, एपीएचसी सहरसा के डॉ शैलेश कुमार और गया के प्रभाती अस्पताल के डॉ मिथिलेश कुमार सिंह।
कैबिनेट ने 127 किमी डोभी-पटना रोड (एनएच 83) के चार लेन के निर्माण लिए पुनपुन ब्लॉक में सार्वजनिक भूमि को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया।