सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के लोक संपर्क एवं संचार ब्यूरो, पटना द्वारा मिशन इंद्रधनुष पर पंजीकृत सांस्कृतिक दलो के उन्मुखीकरण के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कल 16 जनवरी को किया गया।
मिशन इंन्द्रधनुष कार्यक्रम को बिहार के 36 जिलो मे रीजनल आउटरीच ब्यूरो, पटना के पंजीकृत सांस्कृतिक दलो के कलाकार अपने कला के माध्यम से 227 प्रखंडो में ले कर जाऐगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं उद्घाटनकर्ता श्री मनोज कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि रीजनल आउटरीच ब्यूरो पटना के इस कार्यशाला के माध्यम से गीत एवं नाटय दलो के द्वारा चलाऐ जाने वाले जागरूकता अभियान का फायदा राज्य में चल रहे टीकाकरण अभियान पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। प्रतिरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काफी काम किया गया है। वर्ष 2005 में जहाँ राज्य में 20 प्रतिशत बच्चे प्रतिरक्षित थे वहीं 2018 में यह आंकड़ा बढ़कर 85 प्रतिशत हो गया है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार के सम्मिलित प्रयास से 90 प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य प्राप्त किया जाऐगा। अभियान की सफलता के लिए काफी चीजों को बेहतर किया गया है जिसमें कोल्ड चेन एवं लॉंजिस्टिक शामिल है। आई॰ई॰सी॰ के माध्यम से नाटक मंडलियों के कलाकार जब ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी बात रखतें है तो उसका खासा प्रभाव पड़ता है। हमें आई.एम.आई. 2.0 के लक्ष्यो के साथ-साथ सम्पूर्ण टीकाकरण की सफलता के लिए लोगों को जागरूक करना होगा।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए अपर महानिदेशक पी.आई.बी. एवं लोक संपर्क ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,पटना के श्री एस॰के॰मालवीय ने कहा कि इस अभियान मे बिहार के 36 जिलो के 227 प्रखण्डों को चयनित किया गया है जहां सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पंजीकृत सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुतियो से नियमित टीकाकरण से छुटे हुए दो वर्ष से कम उम्र के बच्चो को टीका दिलवाने के लिए उनके परिजनो को प्रेरित करेगें। साथ ही इस अभियान के बेहतर प्रचार प्रसार के लिए मंत्रालय इन कार्यक्रमों के साथ-साथ सोशल मिडिया के विभिन्न माध्यमों से लोगों तक सही और सटीक सूचनाओं को पहुँचाने का सार्थक प्रयास कर रहा है।
यूनीसेफ, बिहार की मोना सिंन्हा ने कहा कि ग्रामीण परिवेश के लिए नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास आज की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है। जागरूकता के स्तर को बढाने के लिए प्रभावी एवं सरल संदेशो के संप्रेषण पर व्यापक चर्चा होगी।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र मे राज्य प्रतिरक्षण एनके सिन्हा ने सघन मिशन इंन्द्रधनुष 2.0 की विशेषताओ को बताते हुए कहा कि हमे यह सुनिश्चित करना है कि इस मिशन के दौरान सभी बच्चो को सभी टीके नियत समय पर लगाएं जाए। यदि किसी भी बच्चे का एक भी टीका छूटता है तो टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त नही होगा। उन्होने कहा कि राज्य में 85 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है और इसे 100 प्रतिशत करने के लिए काफी कुछ करना है। उन्होने कहा कि ए॰एन॰एम॰ के गांव मे दौरे के दौरान अक्सर मजदूर वर्ग के अभिभावक खेतो मे काम करने गये होते है और ऐसे मे घर मे अकेले बच्चे को टीका देना संभव नही हो पाता। इसके अलावा टीका देने के बारे में अभिभावको मे व्याप्त भ्रांतियो को दूर करने मे भी संचारकर्ताओ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होने विशेष तौर पर मुसहरी टोली एवं घुमक्कड आबादी वाले समुदायो को कार्यक्रम से जोडने पर बल दिया।
डा॰ सिन्हा ने इस अवसर पर कार्यशाला के प्रतिभागियो के प्रश्नो के उत्तर भी दिए। दूरदर्शन की उपनिदेशक श्वेता सिंह ने कहा कि एक संचारकर्ता के तौर पर क्षेत्र मे हमे कुछ महत्वपूर्ण बातो पर लोगो का ध्यान आकर्षित करना चाहिए। इसमे प्रतिरक्षण कार्ड संभाल कर रखने, सभी टीको को संभाल कर रखने सभी टीको को समय पर लगवाने और 12 बीमारियो से बचाव के लिए जन्म से पांच वर्ष के बीच टीके लगवाना प्रमुख है। सुश्री सिंह ने इस अवसर पर पांवर प्वांइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से मिशन इंन्द्रधनुष के बारे में विस्तार से बताया।
वही, शादान खान, राज्य सलाहकार टीकाकरण राज्य स्वास्थ्य समिति ने इस अवसर पर मिशन और टीकाकरण प्रेरण से संबंधित लधु फिल्मो का प्रदर्शन भी प्रतिभागियो के बीच किया।