पटना : अगले महिना, यानि 1 अप्रैल को, नए वित्तीय वर्ष 2020-21 के पहले दिन से बिहार राज्य के ट्रेजरी पेपरलेस हो जाएगा। राज्य सरकार ने नया ट्रेजरी कोड लागू करने का निर्णय लिया है। नई व्यवस्था में सामान्यतः ट्रेजरी में बिल जमा नहीं होगा। सभी बिल और प्रक्रियाएं ऑनलाइन होगी। उम्मीद है कि इससे ट्रेजरी में काम और तेजी से होगा।
लोग कहते हैं कि पेपरलेस होने से पेड़ कम कटेगा, जो पर्यावरण की दृष्टि से सही है!
नई व्यवस्था के तहत राज्य के सभी ट्रेजरी रिजर्व बैंक के ई-कुबेर पेमेंट सिस्टम से जुड़ जाएंगे। पेमेंट की पूरी प्रक्रिया रिजर्व बैंक के पोर्टल पर ही होगी। इसका लाभ राज्य सरकार को मिलेगा। लेन-देन की राशि दो घंटे के अंदर सरकारी खजाने में चली जाएगी, जबकि अभी इस प्रक्रिया में दो से पांच दिन लग जाते हैं।
शीग्र भुगतान से, अब पैसा ज्यादा दिन बैंक में नहीं रह जाएंगे । फिलहाल, पैसे बैंक में जमा रेहता है और कुछ मामलों में महीना भी लग जाता है। इससे सरकार की एक हजार करोड़ से अधिक की राशि बैंक में फंसी रहती है। इस पर सरकार को कोई ब्याज भी नहीं मिलता है।
नया ट्रेजरी का महत्व
एक अप्रैल 2019 से राज्य में कॉम्प्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (CFMS) लागू किया गया है। राज्य के ट्रेजरी नियमावली में भी नए सिस्टम के अनुसार ही बदलाव किया जाना था। इसके लिए वित्त विभाग ने नया बिहार ट्रेजरी नियमावली बनाई है। यह एक अप्रैल 2020 से लागू होगा। नई नियमावली लागू होने के बाद कोषागार में साफ्ट कॉपी से सारी प्रक्रियाएं चलेंगी। यानी बिल ट्रेजरी लाने की जरूरत नहीं के बराबर होगी।
ऑडिट करना आसान
ट्रेजरी की सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होने से ऑडिट में सहूलियत होगी। एक क्लिक पर ही बिल और दूसरे दस्तावेज उपलब्ध होंगे। महालेखाकर कार्यालय में भी दस्तावेज ले जाने की जरूरत नहीं होगी।