पटना के ज्ञान भवन मे दो दिवसीय पूर्वी भारत जलवायु कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा कि भारत मे पूर्वी राज्यो का गोलबल वार्मिंग मे बहुत कम योगदान है, उसमे अभी बिहार बहुत पीछे है। लेकिन पर्यावरण से छेड़छाड़ होने के कारण बिहार को दुष्परिणाम भुगताना पड़ रहा है। वर्ष 2016 मे गंगा नदी से सटे ज़िलो मे बाढ़ आया था।जिससे गंगा नदी का जलस्तर पहले से सभी जगहो पर ऊंचा हो गया है।
उन्होने कहा की बक्सर के पास गंगा मे 400 क्युमेक्स पानी आता है और बिहार की सीमा से 1600 क्युमेक्स पानी जाता है। बिहार राज्य मे प्रवेश करने के बाद गंगा से ज्यादा पानी की मात्रा बाहर के तरफ चली जाता है। उनके मुताबिक बिहार मे बाढ़ बाहर की नदियो के कारण आता है और गंगा नदी के जलस्तर के साथ छेडछाड़ किया गया है। जंगल की कटाई के चलते सील्ट ज्यादा निकल रहा है । फरक्का बराज बनने के चलते पानी के साथ जितना सील्ट बाहर जाना चाहिए उतना नहीं जा पाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यवारन के संबंध मे कुछ कार्यक्रम चला कर लोगों को जागरूक करना होगा और इसके साथ ही समाधान के लिए भी विचार करना होगा ।
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अनुसार श्री कुमार ने कहा की जो कृषि रोड मैप बना है, उसमे हर चीज़ का खयाल रखा गया है। क्रॉप साइकल पर काम किया जा रहा है। बिहार मे राजेंद्र कृषि विशविद्यालय अथवा रीजनल केंद्र इन सब चीज़ों पर काम कर रहा है , योजनाए बनाए जा रहे है ; साथ ही साथ उन्होने यह भी कहा के कुछ लोगों मे यह भरम है की सौर ऊर्जा असली ऊर्जा नहीं है , थर्मल ऊर्जा वास्तविक ऊर्जा है लोगों को यह समझना होगा की सौर ऊर्जा अक्षय ऊर्जा है ।
उन्होने बिहार के युवाओं और छात्र –छात्राओ को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि स्कूल के बच्चे साफ- सफाई के प्रति सचेत है। नई पीढ़ी के लोग ही जलवायु के प्रति, क्लाइमेट के प्रति, कुदरत एवं पर्यावरण के प्रति सजग रहना होगा और वे ही लोगों को जागरूक भी करेंगे।
इस अवसर पर कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री डी॰ के ॰ शुक्ला , बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यकक्ष श्री अशोक कुमार घोष सहित अन्य पदाधिकारीगण देश- विदेश से आए विशेषज्ञगण एवं छात्र, छात्राएं उपस्थित थे ।
निहाल कुमार दत्ता
संत . ज़ेवियर्स कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी