बिहार और यूपी मे नकल माफियाओं का बड़ा असर देखने को मिलता है। आये दिन इन राज्यों से परीक्षा मे धांधली की खबरें सामने आती रहती हैं। कुछ वर्ष पहले बिहार मे हुए टॉपर घोटाला अभी हर किसी के जहम मे है। यूपी बोर्ड मे भी पिछले वर्ष कई जगह परीक्षा मे नकल माफिया का काफी प्रभाव देखने को मिला है। अब यूपी बोर्ड ने नकल को रोकने के लिए एक अच्छी पहल की है।
यूपी शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक उतर पुस्तिकाओं मे अब अलग-अलग रंग की लाईने होगी। इससे पहले परीक्षा देने के बाद छात्र नकल माफियाओं से पिछले वर्षों की खाली उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद करते थे। उत्तर लिखने के बाद इसे अपने उत्तर-पुस्तिकाओं के साथ बदल देते थे। जो कि पर्यवेक्षकों की मिलीभगत से होते थे।
अब उत्तर पुस्तिकाओं पर लाइनें अलग-अलग रंगों की होंगी जो प्रतियों के आदान-प्रदान की संभावना को कम कर देंगी। यूपी बोर्ड ने दो साल पहले परीक्षा केंद्रों के आवंटन की प्रक्रिया को नकल माफियाओं से दूर रखने के लिए ऑनलाइन कर दिया था। इस कदम ने बड़े पैमाने पर नकल की समस्या को कम किया था। इस साल भी सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे और वॉयस रिकार्डर लगाए गए थे। गौरतलब है की इस फुटेज की यूपी बोर्ड के आला अधिकारियों द्वारा लगातार निगरानी भी की जा रही थी।
यूपी बोर्ड की ये पहल तो काफी अच्छी है। पर इसका भविष्य मे कितना फायदा होता है ये देखना दिलचस्प होगा। बिहार मे नकल रोकने के लिए कुछ वर्षों से परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब बिहार सरकार भी नकल रोकने के लिए यूपी बोर्ड की तर्ज पर कुछ बड़ा कदम उठाए तो ये विद्यार्थियों के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है।
रोहित कुमार