क्या समाज मे फुट डालने की कोशिश हो रही ?

क्या समाज मे फुट डालने की कोशिश हो रही ?

पटना जिले के फुलवारी शरीफ में नागरिकता कानून पर रोक लगाने के प्रदर्शन पर गोली चलाने, पथराव एवं हत्या  घटना की तथ्यपरक अध्ययन रपट जनतंत्र समाज बिहार की एक टीम राष्ट्रीय जनता दल के आवाह्न पर फुलवारी शरीफ में घटना का अध्ययन करने 5 एवं 6 जनवरी को गई और घटना स्थल का निरीक्षण किया। […]

कनकनी ने उत्तर भारत को जकड़ा

कनकनी ने उत्तर भारत को जकड़ा

बिहार, दिल्ली, यूपी, समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस सप्ताह हुई बारिश के बाद ठंड काफी बढ़ गई है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित उत्तर भारत के अन्य मैदानी इलाकों में गुरुवार को तापमान में गिरावट के साथ ही सर्दी के एक बार फिर जोर पकड़ने के कारण मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, […]

भारत पर रिलायंस के एकाधिकार का ख़तरा

भारत पर रिलायंस के एकाधिकार का ख़तरा

भारत के सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ अब ई-कॉमर्स के क्षेत्र में उतर रही है। इस क्षेत्र में उतरने के बाद वो अमेज़न और फ़्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को टक्कर देगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ फ़िलहाल ग्रोसरी डिलिवरी सेवा के लिए लोगों को जुड़ने का निमंत्रण दे रही है। ये सेवा रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की दो सहयोगी कंपनियां रिलायंस […]

विशेष अदालतों के गठन को मिली मंजूरी

विशेष अदालतों के गठन को मिली  मंजूरी

बिहार में शराबबंदी से जुड़े मामलों के तेजी से निपटारे  के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को 74 विशेष अदालतों के गठन को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को ब्रीफिंग करते हुए, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अमीर सुभानी ने कहा कि विशेष अदालतों का नेतृत्व अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश-रैंक के अधिकारी […]

CAB और NRC का असली मकसद

CAB और NRC का असली मकसद

वर्तमान सरकार एक खास मकसद से नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करना चाहती है। इस खास उद्देश्य की बात बाद में।  पहले यही कि नागरिकों का  रजिस्टर तैयार करने के लिए, नागरिक कौन – इसका आधार तैयार कर लेना होगा। इसलिए Citizen Amendment Bill लाया गया जो भारतीय संसद के दोनों सदनों में (लोक सभा […]

किल्लर गैस ले रही झारखंड में ग्रामीणों की जिंदगी

किल्लर गैस ले रही झारखंड में ग्रामीणों की जिंदगी

14 दिसंबर : धनबाद (झारखंड) जैसे कोयले की खदानवाले क्षेत्र के आसपास के इलाकों में खतरनाक गैसें और धुआं, पृथ्वी की दरार से उफान लगा रहे है। इन इलाको मे रहने वालों का कहना है कि यह जीवन गैस कक्ष में रहने के समान है। स्थानीय लोगों को लगातार खांसी, सिरदर्द और स्वास्थ्य की स्थिति […]

अनुवांशिक बीमारियों को एक कलंक की तरह समझा जाता है :निशा

अनुवांशिक बीमारियों को एक कलंक की तरह समझा जाता है :निशा

लैमेलर इचथ्योसिस (बीमारी) से ग्रसित निशा को उनके जन्म देने वाले माता-पिता ने छोड़ दिया था और अलोमा एक डॉक्टर हैं ने उन्हे एक नई जिंदगी दी। 19 साल पहले अलोमा लोबो पहली बार निशा से बेंगलुरु में मिली थीं। निशा अनाथालय में रहने वाले दूसरे बच्चों से बिल्कुल अलग दिखती थीं। एक दुर्लभ अनुवांशिक […]

हमारी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह-हैदराबाद एनकाउंटर

हमारी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह-हैदराबाद एनकाउंटर

भारत के लोग भावनाओं में सभी कुछ न्योछावर कर लूटे जा रहे हैं। लोग हैदराबाद पुलिस की  पीड़िता के आरोपी का एनकाउंटर  कर मार देने की शैली का वाहवाही दे रहे हैं। उसी हैदराबादी पुलिस से पीड़िता के परिजनों ने समय रहते तत्वरित कारवाई करने के लिए कहा था, इस पर पुलिस ने कहा कि […]

अपराध मे बढ़ रही नाबालिगों की साझेदारी

अपराध मे बढ़ रही नाबालिगों की साझेदारी

आजकल मासूम दिखनेवाले वाले नाबालिग, अपराध के मामले में बड़ों-बड़ों के उस्ताद साबित हो रहे हैं। नाबालिग बदमाशों को लेकर बिहार पुलिस की पड़ताल चौंकानेवाली है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे कोई अपराध नहीं जिसमें नाबालिग की भूमिका न हो। अब सीआईडी के आदेश पर इनके उम्र को लेकर छानबीन शुरू कर दी गई है। ताकि […]

मीडिया के साथ से ही सुनिश्चित होगा बच्चों का हक़

मीडिया के साथ से ही सुनिश्चित होगा बच्चों का हक़

मीडिया लोकतंत्र का चौथा खम्बा है और बच्चों के अधिकारों के संरक्षण में इनकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मीडिया के साथ से ही बच्चों का हक़ सुनिश्चित होगा। किसी भी देश का ह्यूमन इंडेक्स इंडिकेटर वह के बच्चों की स्थिति और विकास से जुड़ा होता हैं। बच्चों के सन्दर्भ में किसी भी घटना की रिपोर्टिंग […]

एनकाउंटर ही सही, न्याय तो मिला

एनकाउंटर ही सही, न्याय तो मिला

देश लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत चलता है । हैदराबाद एनकाउंटर का जबरजस्त लोक समर्थन मिल रहा है। इसके बावजुद कुछ बुद्धिजीवी इस एनकाउंटर का  विरोध अपने शब्दों के चालाक कारीगरी से कर रहे हैं। मुझे लगता है , इस घटना की निंदा जन दबाव और लोक परिहास के भय से सामने से नही बल्कि शब्दों […]

क्या हमारे कदम तानाशाही की ओर बढ़ रहे?

क्या हमारे कदम तानाशाही की ओर बढ़ रहे?

हैदराबाद, बक्सर, माल्दा, सीतामढ़ी और फिर उन्नाव में अथवा देश के किसी अन्य हिस्से में भी बलात्कार के बाद पीड़िता की जिंदा जलाकर हत्या या मार डालने की मिलती जुलती घटनाएं रोंगटे खड़ा करने, सिहरन पैदा करने के साथ ही लगातार हमारे सभ्य समाज का सदस्य होने पर सवाल खड़े कर रही हैं। हम एक […]