यही है,भारत का दुर्भाग्य। एक सिनेमा के लिए इतनी मारामारी, इतना हंगामा। लेकिन रसातल में जा रहे भारत को जुल्मी तानाशाह से बचाने, बेकारी महंगाई, सरकारी लूट घपला घोटालों, ईवीएम की हेराफेरी, जनादेश की लूट को रोकने के लिए ऐसी भीड़ कभी सड़कों पर नहीं आती है। जुल्मी लुटेरों के खिलाफ ऐसी कोई बगावत, कोई […]
जजों की नियुक्ति की चालू व्यवस्था द्वारा सुझाए गए नामों में नापसंद नाम को सरकार स्वीकृति देने में विलंब कर सकती है। एक साल पहले एक अधिवक्ता ( मुस्लिम) के नाम की स्वीकृति में साल भर लग गया। एक बार इंदिरा जी ने महाराष्ट्र के एक सज्जन का नाम जजों की सूची से इसलिए हटाया […]