डॉ. सुरेश खैरनार का यह लेख ‘चौथी दुनिया’ पत्रिका में छपा। पूरा लेख पढ़ने के लिए लिंक का अनुसरण करें। पिछले दो हफ्तों से अपने पड़ोसी देश बंगला देश में जोभी घटनाओं का क्रम हो रहा है ! उससे भारत के हिंदुत्ववादी संगठनों की बांखे खिल गई हैं ! और वह बंगला देश के नाम […]
बिहार में क्या हो रहा है? एक्सीडेंट से मौत की खबरें और हत्या तथा अन्य को खबरें , रास्ते चलते छीना झपटी , घर में चोरी, मॉब लिंचिंग, गुंडागर्दी की खबरें पहले से ज्यादा आ रहे हैं। हालांकि अन्य गतिविधियां भी तेज है और लोग अभी अपराधियों के डर के आगे घर में घुस नहीं […]
72 साल की उम्र में, हाल ही में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. प्रेमा धनराज ने अपनी व्यक्तिगत त्रासदी को, जले हुए पीड़ितों के लिए आशा और उपचार के मिशन में बदल दिया है। डॉ. धनराज की यात्रा 1965 में शुरू हुई, जब आठ साल की उम्र में, रसोई की आग ने उन्हें अपनी […]
अभी दुबई में हूं, अपनी बेटी-दामाद के पास. गजब का देश है. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के सात प्रदेशों में से एक दुबई. यह वाकई एक ग्लोबल सिटी है. बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. साफ-सफाई और व्यवस्था के साथ स्व-अनुशासन को देख कर अचरज होता है कि इतने भारतीय यहां हैं. भारत के बारे […]
फादर सेड्रिक प्रकाश ये ॰स॰ ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर बहस में शामिल होते हैं, और इस प्रस्ताव के खिलाफ दृढ़ता से लिखते हैं। 31 अगस्त को, सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले पांच दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट किया, ”संसद का विशेष […]
वर्ष 2013 में जब केंद्र में संप्रग सरकार थी और उस समय कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी जी थे। उस समय लालू प्रसाद यादव, जयललिता सहित तमाम सैकड़ों राजनीतिक लोगों को किसी न किसी मामले में न्यायालय द्वारा सजा मिलने पर संसद या विधानसभा की सदस्यता गवानी पड़ी थी। उस समय तत्कालीन कांग्रेस द्वारा ऐसे […]
पर न्यायपालिका की गरिमा की चिंता किसे है!! सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस एस अब्दुल नजीर को (गत 12 फरवरी को) आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे गत चार जनवरी को ही रिटायर हुए हैं। नियमतः और संविधानतः इसमें कुछ गलत नहीं है। मगर यह कुछ अटपटा तो लगता है। वैसे […]
मेरे पास ये 100 चिप हैं। नियम के अनुसार मैं 75 से ज्यादा चिप नहीं रख सकता, तो मैंने 73 रखे हुए हैं।●●27 बाजार में बिक रहे हैं। बाजार चलता है, डिमांड सप्लाई पर। मुझे सप्लाई कंट्रोल करनी है। मेरे मामा, काका, ताऊ सबने आम आदमी बन कर मेरे लिए 15 चिप खरीद कर छुपा […]
यही है,भारत का दुर्भाग्य। एक सिनेमा के लिए इतनी मारामारी, इतना हंगामा। लेकिन रसातल में जा रहे भारत को जुल्मी तानाशाह से बचाने, बेकारी महंगाई, सरकारी लूट घपला घोटालों, ईवीएम की हेराफेरी, जनादेश की लूट को रोकने के लिए ऐसी भीड़ कभी सड़कों पर नहीं आती है। जुल्मी लुटेरों के खिलाफ ऐसी कोई बगावत, कोई […]
सरकार हलकान, पर चाटुकारों की कमी नहीं गालिब! आखिर उस या ऐसी किसी डाक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों के बारे में ऐसा नया क्या कहा बताया जा सकता है, जो खबरों में थोड़ी बहुत भी रुचि रखने वाला नहीं जानता! उन दंगों में गुजरात (मोदी) सरकार, संघ परिवार की भूमिका के बारे में ही कोई क्या […]
जजों की नियुक्ति की चालू व्यवस्था द्वारा सुझाए गए नामों में नापसंद नाम को सरकार स्वीकृति देने में विलंब कर सकती है। एक साल पहले एक अधिवक्ता ( मुस्लिम) के नाम की स्वीकृति में साल भर लग गया। एक बार इंदिरा जी ने महाराष्ट्र के एक सज्जन का नाम जजों की सूची से इसलिए हटाया […]
अंगरेजी राज में जब पहली बार जब जनगणना शुरू हुई, तो ऐसे कई समुदाय मिले जो स्वयं को हिंदू मुस्लिम दोनों बताते थे। इसलिए कि वे इन दोनों परंपराओं में गुंथ चुके थे।जैसे, गुजरात के momna, जो खतना करवाते, अपने मृत परिजनों को दफनाते, गुजराती कुरान पढ़ते परंतु बाकी सभी रीति रिवाज में हिंदू थे। […]